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Read on Savitur : This is for you and only you, from your Dad ~ Hirdu
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Monday, September 28, 2015
कई रातें जाग कर, एक सुबह बनायीं है
कई रातें जाग कर, एक सुबह बनायीं है
मैंने सिर्फ तेरे लिए ओस की चादर बिछाई है
न जाने कितनो की सुन कर, ये कुछ अल्फ़ाज़ लाया हूँ
मैं सिर्फ तेरे लिए भीनी भीनी खुशबू बटोर लाया हूँ
.... अभी आगे.…लिखना बाकी है…
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