Tuesday, June 19, 2012

छोटा सा सवितुर, प्यारा सा सवितुर

छोटा सा सवितुर, प्यारा सा सवितुर
छोटा सा और प्यारा सा, न्यारा सा सवितुर

कभी है हँसता, कभी है रोता तो कभी भागता है सवितुर
छोटा सा सवितुर, प्यारा सा सवितुर

इधर से आता उधर को जाता कभी खड़ा हो जाता सवितुर,
पानी फैलाता, खुद फ़ैल जाता, और खिलखिलाता है सवितुर।..

ऊधम करता, खूब चहकता , बातें बनाता सवितुर
छोटा सा और प्यारा सा, और न्यारा सा सवितुर

साइकिल चलाता, दौड़ के आता, फिर रुकता सवितुर
मेरे पेट पर सोता, खाना खाता औ कहानी सुनता सवितुर

दो बार नहाता, नहाते हुए चावल खाता, फिर भी रूठ जाता सवितुर
छोटा सा सवितुर, प्यारा सा सवितुर, एक छोटा सा, एक प्यारा सा एक न्यारा सा सवितुर।